Thursday, 11 October 2012
Tuesday, 9 October 2012
मैं रो पड़ता हूँ जब गुजरा जमाना याद आता है......
ना जाने क्यों बार बार अटल जी का चेहरा याद आता है.....
मित्रो आज अटल जी कि आजकल कि जिंदगी के बारे में कुछ पढ़ने को मिला दैनिक भास्कर में..... बहुत ही दुखद था कभी किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि इस देश भक्त कि जिंदगी भी ऐसे दौर से गुजरेगी मैं पढते समय अपने आँसू नहीं रोक पाया क्योंकि मुझे ऐसा लग रहा था कि भारत कि जनता एक हीरे का सही प्रयोग नहीं कर पाई..
ना जाने क्यों बार बार अटल जी का चेहरा याद आता है.....
मित्रो आज अटल जी कि आजकल कि जिंदगी के बारे में कुछ पढ़ने को मिला दैनिक भास्कर में..... बहुत ही दुखद था कभी किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि इस देश भक्त कि जिंदगी भी ऐसे दौर से गुजरेगी मैं पढते समय अपने आँसू नहीं रोक पाया क्योंकि मुझे ऐसा लग रहा था कि भारत कि जनता एक हीरे का सही प्रयोग नहीं कर पाई..
.... अटल जी का एक सपना था कि मैं भारत को सपनो
ं का भारत बनाऊंगा लेकिन वो मज़बूरी वस ऐसा नहीं कर पाए क्योंकि इस देश कि जनता ने उन्हें सपष्ट बहुमत कभी नहीं दिया ... ...बिना बहुमत के भी देश के विकास में चार चाँद लगाने वाले भी अटल जी ही थे.....
आज अभी ९ से १० तक इण्डिया टीवी पर अटल जी कि हाल कि जिंदगी पर एक प्रोग्राम आया देखा सुना लेकिन आँखों में आँसू मैं नहीं रोक पाया,
अटल जी के लिये हमेशा देश सर्वोपरी था उन्होंने ही गठबंधन राजनीती कि शुरुआत कि हमारे देश में और २४ पार्टी को मिलाकर देश में एक स्थाई सरकार दी और वो काम किये जो कांग्रेस पचास साल में नहीं कर पाई.....
ये देश का दुर्भाग्य ही था कि २००४ में वाजपेयी जी कि सरकार वापिस नहीं आई और आज देश कि हालत सबके सामने है.....
वाजपेयी जी ने आखिरी सार्वजनिक भाषण लखनऊ में २००७ को दिया था और अब वो बहुत कम बोलते हैं...... जो बोलते हैं वो भी पूरी तरह से समझ में नहीं आता है......
वाजपेयी जी कि आखिरी फोटो २००९ में आई थी उसके बाद से वाजपेयी जी जनता से दूर है...... जिन्हें सुनने के लिये लाखों लोग घंटो बैठे रहते थे आज अटल जी खुद कम सुन पाते हैं.....
ये समय कि विडंबना है कि ये उम्र का दौर ऐसा ही होता है यहाँ आकर इन्सान कुछ नहीं कर पाता है यही जीवन कि कड़वी सच्चाई है.......
अटल जी ने अभी लोकसभा में हो रहे हंगामे को देखकर चैनल बदल लिया और वो गाने सुनने लग गए.... क्योंकि वो आदर्श राजनीती के लिये जाने जाते थे.....
मनमोहन सिंह ने संसद में एक बार अटल जी को राजनीती का भीस्म पितामह भी कहा था और यही सच भी था.......
अब भी मनमोहन सिंह अटल जी से उनके घर जाकर मुलाकात करते ही रहते हैं.... पचास साल तक सक्रीय राजनीती में रहना और एक भी दाग अपने ऊपर नहीं लगने देना यही सच्ची देशभक्ति थी अटल जी कि......
अटल जी को दुबारा सत्ता ना देकर जो भारत कि जनता ने पाप किया था ..अब उस पाप का प्रायश्चित करने का एक मौका है देश कि जनता के पास अब देश कि जनता नरेन्द्र भाई मोदी को सपष्ट बहुमत देकर प्रधानमंत्री बनाए ताकि अटल जी के सपनों को पूरा किया जा सके मोदी ही अब एकमात्र नेता हैं जो उन सपनो को पूरा कर सकते हैं....
हमें गर्व है माँ भारती के सच्चे सपूत ....अटल बिहारी वाजपेयी पर....
जयहिंद .... वन्देमातरम
ं का भारत बनाऊंगा लेकिन वो मज़बूरी वस ऐसा नहीं कर पाए क्योंकि इस देश कि जनता ने उन्हें सपष्ट बहुमत कभी नहीं दिया ... ...बिना बहुमत के भी देश के विकास में चार चाँद लगाने वाले भी अटल जी ही थे.....
आज अभी ९ से १० तक इण्डिया टीवी पर अटल जी कि हाल कि जिंदगी पर एक प्रोग्राम आया देखा सुना लेकिन आँखों में आँसू मैं नहीं रोक पाया,
अटल जी के लिये हमेशा देश सर्वोपरी था उन्होंने ही गठबंधन राजनीती कि शुरुआत कि हमारे देश में और २४ पार्टी को मिलाकर देश में एक स्थाई सरकार दी और वो काम किये जो कांग्रेस पचास साल में नहीं कर पाई.....
ये देश का दुर्भाग्य ही था कि २००४ में वाजपेयी जी कि सरकार वापिस नहीं आई और आज देश कि हालत सबके सामने है.....
वाजपेयी जी ने आखिरी सार्वजनिक भाषण लखनऊ में २००७ को दिया था और अब वो बहुत कम बोलते हैं...... जो बोलते हैं वो भी पूरी तरह से समझ में नहीं आता है......
वाजपेयी जी कि आखिरी फोटो २००९ में आई थी उसके बाद से वाजपेयी जी जनता से दूर है...... जिन्हें सुनने के लिये लाखों लोग घंटो बैठे रहते थे आज अटल जी खुद कम सुन पाते हैं.....
ये समय कि विडंबना है कि ये उम्र का दौर ऐसा ही होता है यहाँ आकर इन्सान कुछ नहीं कर पाता है यही जीवन कि कड़वी सच्चाई है.......
अटल जी ने अभी लोकसभा में हो रहे हंगामे को देखकर चैनल बदल लिया और वो गाने सुनने लग गए.... क्योंकि वो आदर्श राजनीती के लिये जाने जाते थे.....
मनमोहन सिंह ने संसद में एक बार अटल जी को राजनीती का भीस्म पितामह भी कहा था और यही सच भी था.......
अब भी मनमोहन सिंह अटल जी से उनके घर जाकर मुलाकात करते ही रहते हैं.... पचास साल तक सक्रीय राजनीती में रहना और एक भी दाग अपने ऊपर नहीं लगने देना यही सच्ची देशभक्ति थी अटल जी कि......
अटल जी को दुबारा सत्ता ना देकर जो भारत कि जनता ने पाप किया था ..अब उस पाप का प्रायश्चित करने का एक मौका है देश कि जनता के पास अब देश कि जनता नरेन्द्र भाई मोदी को सपष्ट बहुमत देकर प्रधानमंत्री बनाए ताकि अटल जी के सपनों को पूरा किया जा सके मोदी ही अब एकमात्र नेता हैं जो उन सपनो को पूरा कर सकते हैं....
हमें गर्व है माँ भारती के सच्चे सपूत ....अटल बिहारी वाजपेयी पर....
जयहिंद .... वन्देमातरम
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